ISO 9001:2015

उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के व्यक्तिगत मूल्यों पर उनके पारिवारिक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन

मधु धाकड एवं डॉ. संजय कुमार केडिया (Madhu Dhakad & Dr. Sanjay Kumar Kedia)

परिवार बालक की प्रथम पाठशाला है जहाँ उसे प्रेम, सहानुभूति, लालन-पालन की सुविधा तथा विकास का मार्ग प्राप्त होता है। बालक का स्वभाव एक कोरी स्लेट की तरह है जैसा उस पर लिखेंगे वैसा ही अंकित हो जाएगा अर्थात् बालक को जैसे वातावरण में ढ़ाला जाता है, वह वैसा ही बन जाता है। यदि बालक अच्छे पारिवारिक वातावरण में पला-बड़ा हुआ है तो यह कहा जा सकता है कि वह योग्य और चरित्रवान है।
शब्दकोशः उच्च माध्यमिक विद्यालय, विद्यार्थी, पारिवारिक वातावरण, मानव व्यवहार, ज्ञान व कौशल। 
 


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