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जनसंख्या का एक भौगोलिक अ/ययनः टोंक जिले (राजस्थान) के विशेष संदर्भ में अ/ययन

विष्णु चौधरी एवं डॉ. तरूण कुमार यादव (Vishnu Choudhary & Dr. Tarun Kumar Yadav)

वर्तमान में यह एक ऐसा ज्वलंत विषय है, जिसने समाज के सभी वर्गो का /यान आकृष्ट किया हुआ है तथा विश्व भर में इसके प्रति गहन अ/ययन-अ/यापन किया जा रहा है। जनसंख्या की तीव्र वृद्धि व गत्यात्मकता ने संसार के सभी देशों को झकझोर दिया है। इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं से विकसित, विकासशील, अर्द्धविकासशील, अविकसित सभी देश प्रभावित हो रहे है। आज सभी क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी, निर्धनता, सामाजिक समस्याएँ, अशिक्षा, गरीबी, भुखमरी, विकास का अवरूद्ध होना, मूल्यवृद्धि आदि समस्याएँ निरन्तर बाव प्रस्तुत किए है। विभिन्न भूगोलवेत्ता, विद्वान, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएँ, उच्च शिक्षण संस्थाएँ आदि संगोष्ठीयाँ, सेमिनार, कॉन्फ्रेन्स आयोजित कर उनके मा/यम से लेख, शोध-पत्र, वक्तव्य द्वारा जन-मानस को जनसंख्या सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों एवं समस्याओं से अवगत कराने का प्रयास करती है।
शब्दकोशः जनसंख्या, भौगोलिक अ/ययन, बेरोजगारी, निर्धनता, सामाजिक समस्याएँ, अशिक्षा। 
 


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