ISO 9001:2015

समकालीन भारतीय चित्रकला में महिला चित्रकारों का योगदान

विजेयता चारण एवं रेवंत दान (Vijeyata Charan & Rewant Dan)

समकालीन चित्रकला को आज विविध स्तर पर विविध मा/यमों से देखा जाता है और यह जटिल भी है। जिस तरह आधुनिक कला की शुरूआत की कोई निश्चित तिथि नहीं मानी जाती है। हालांकि सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि आधुनिक कला ने उन्नीसवीं शताब्दी उत्तरार्ध में एक आंदोलन का रूप लिया था। समकालीन चित्रकार ने मनोवैज्ञानिक जानकारी में बढ़ोत्तरी के साथ समसामयिक दुनिया को दर्शाने के साथ उसे नया आयाम प्रदान किया। नये चित्रकार ने पारंपरिक चित्र संरचना का त्याग कर दिया इससे चित्रमय कार्य व्यापार कभी-कभार भग्न अथवा अस्त-व्यस्त ढंग से समकालीन जीवन के नजदीक आने लगा। चित्रकार ने अपने मिथक खुद रचे, उसने अपने निजी अनुभव तथा वातावरण का नवीन प्रबोधक रीति से रूपांतरण कर दिया।

शब्दकोशः भारतीय चित्रकला, महिला चित्रकार, मनोवैज्ञानिक जानकारी, समसामयिक दुनिया, नवीन प्रबोधक रीति।
 


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