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राज्य बजट के आय-व्ययक अनुमानों का विश्लेषणात्मक अ/ययनः राजस्थान राज्य के संदर्भ में

Murli Dhar Meena & Dr. Prakash Sharma

“बजट” शब्द की उत्पति फ्रेंच भाषा के लैटिन शब्द बुल्गा से हुई जिसका अर्थ है “चमड़े का थैला”। बजट से आशय निर्धारित अवधि के लिए प्राप्तियों एवं व्ययो का अनुमान लगाकर वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने एवं उनके आवंटन की कार्ययोजना से है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 202 में कहा गया है कि राज्य सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष के सम्बन्ध में राज्य विधानमंडल के समक्ष एक वार्षिक वित्तीय विवरण रखेगी जिसमे उस वर्ष के लिए राज्य की अनुमानित प्राप्तिया और व्यय शामिल किये जाये। इसे ही आमतौर पर राज्य बजट के रूप में जाना जाता है। बजट एक वित्तीय वर्ष से सम्बंधित होता हैं, जिसकी अवधी 1 अप्रैल से 31 मार्च होती है। बजट में आगामी वर्ष के लिए आय-व्ययक अनुमानों तथा चालू वर्ष के लिए संशोधित आय-व्ययक अनुमानों को दर्शाया जाता है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद सरकार को वर्ष के दौरान होने वाली वास्तविक प्राप्तियो एवं व्ययों के आधार पर सरकार के लेखे तेयार किये जाते है। प्रस्तुत शोध पत्र “राज्य बजट के आय-व्ययक अनुमानों का विश्लेषणात्मक अ/ययनरू राजस्थान राज्य  के संदर्भ में“ में राज्य के  बजट में प्रस्तुत प्राप्तियों एवं व्ययों के बजट अनुमानों तथा इनके विभिन्न घटकों का वर्ष 2013-14 से 2023-24 (ग्यारह वर्ष) के म/य विश्लेषणात्मक एवं तुलनात्मक अ/ययन किया गया है। यह शोध इस विषय पर उपलब्ध शोध अ/ययनों की समीक्षा करके किया गया है। लेखक को आशा है की पेपर के निष्कर्ष भारत में राज्य सरकारों के लिये के लिए बजट निर्माण के दौरान बजट अनुमानों का निर्धारण करने एवं बजट प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सहयोगी साबित होंगे।

शब्दकोशः बजट, वार्षिक वित्तीय विवरण, आय-व्ययक अनुमान, प्राप्तियां एवं व्यय तथा वित्तीय प्रबंधन।
 


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