ISO 9001:2015

सोशल मीडिया का भविष्य

नीतू सैनी एवं डॉ. प्रीति शर्मा (Neetu Saini & Dr. Preeti Sharma)

21वीं शताब्दी में सोशल मीडिया मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। यह न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि विचार, सूचना, समाचार, मनोरंजन, व्यवसाय, राजनीति, शिक्षा और सामाजिक चेतना को आकार देने वाला एक शक्तिशाली उपकरण भी बन गया है। फेसबुक, ट्विटर (अब एक्स), इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, लिंक्डइन आदि जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने वैश्विक समाज को एक डिजिटल मंच पर जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सोशल मीडिया का प्रभाव व्यक्तिगत से लेकर वैश्विक स्तर तक महसूस किया जा रहा है। भविष्य में सोशल मीडिया केवल एक संवाद माध्यम नहीं, बल्कि एक समग्र डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित होने जा रहा है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (।प्), मशीन लर्निंग, संवर्धित वास्तविकता (।त्), वर्चुअल रियलिटी (टत्) और मेटावर्स जैसे तकनीकी नवाचार सोशल मीडिया को एक नए स्वरूप में ढाल रहे हैं। अब उपयोगकर्ता केवल सामग्री को देख या साझा ही नहीं करेगा, बल्कि उसके साथ आभासी रूप से अनुभव करेगा। सोशल मीडिया का भविष्य व्यक्तिगत अनुभवों के अनुकूलन, डेटा-सुरक्षा की चुनौती, फेक न्यूज़ पर नियंत्रण, डिजिटल नागरिकता के अधिकार, और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से गहराई से जुड़ा रहेगा। आने वाले समय में ”सोशल मीडिया एथिक्स” और ”डिजिटल वेलबीइंग” जैसे विषय केंद्र में होंगे। कंपनियाँ अब यूज़र सेंट्रिक और ट्रांसपेरेंट एल्गोरिद्म विकसित कर रही हैं ताकि उपयोगकर्ता को विश्वसनीय और संतुलित सामग्री प्रदान की जा सके। साथ ही, सोशल मीडिया का उपयोग व्यापारिक अवसरों, व्यक्तिगत ब्रांडिंग, शिक्षा, ई-गवर्नेंस और जन-जागरूकता अभियानों में और अधिक व्यापक होगा। भारत जैसे विकासशील देशों में सोशल मीडिया ग्रामीण आवाज़ों को भी एक मंच प्रदान करेगा, जिससे डिजिटल लोकतंत्र को बल मिलेगा। हालांकि, गोपनीयता का उल्लंघन, निगरानी संस्कृति, राजनीतिक ध्रुवीकरण, ऑनलाइन शोषण और डिजिटल असमानता जैसी चुनौतियाँ भी बनी रहेंगी। अतः सोशल मीडिया के भविष्य को सुरक्षित, नैतिक और समावेशी बनाने हेतु वैश्विक सहयोग, कड़े साइबर कानून और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना आवश्यक होगा। अतः, सोशल मीडिया का भविष्य तकनीकी, सामाजिक, और नैतिक आयामों से परिपूर्ण होगा, जो मानव जीवन को और अधिक गहराई से प्रभावित करेगा।

शब्दकोशः सोशल मीडिया, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मेटावर्स, डिजिटल साक्षरता, डेटा सुरक्षा, फेक न्यूज़, डिजिटल नागरिकता, संवर्धित वास्तविकता, वर्चुअल रियलिटी, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक प्रभाव।
 


DOI:

Article DOI:

DOI URL:


Download Full Paper:

Download