ISO 9001:2015

मोरिजा बानोला में खनन गतिविधियां की वर्तमान स्थिति एवं उत्पादन रूझान

आदित्य सैनी (Aditya Saini)

राजस्थान खनिज संसाधनों की दृष्टि से भारत का एक प्रमुख प्रदेश है, जहाँ विविध प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। इनमें लौह अयस्क ;प्तवद व्तमद्ध का विशेष महत्व है क्योंकि यह औद्योगिकीकरण और आधारभूत संरचना विकास की रीढ़ माना जाता है। मोरिजा-बानोला क्षेत्र, जयपुर जिले का एक महत्वपूर्ण खनन क्षेत्र है, जहाँ उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के भंडार उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में खनन की गतिविधियाँ लंबे समय से संचालित हो रही हैं और इनसे प्रदेश की औद्योगिक प्रगति, स्थानीय रोजगार सृजन तथा राजस्व वृद्धि में योगदान मिलता रहा है। प्रस्तुत शोधपत्र में मोरिजा-बानोला क्षेत्र की खनन गतिविधियों की वर्तमान स्थिति, लौह अयस्क भंडारों का विवरण, उत्पादन के रुझान, तथा सामाजिक-आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि हाल के वर्षों में खनन तकनीक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार हुआ है, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि और पारदर्शिता आई है। उत्पादन रुझान दर्शाते हैं कि मोरिजा-बानोला क्षेत्र राजस्थान को लौह अयस्क उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही खनन से जुड़े उद्योगों में अप्रत्यक्ष रूप से भी हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिल रही है। किंतु, खनन गतिविधियों का दूसरा पहलू पर्यावरणीय चुनौतियों के रूप में सामने आता है। भूमि क्षरण, धूल एवं वायु प्रदूषण, भूजल स्तर में गिरावट तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ इस क्षेत्र के लिए चिंता का विषय हैं। अतः आवश्यक है कि खनन गतिविधियों को टिकाऊ विकास ;ैनेजंपदंइसम क्मअमसवचउमदजद्ध की अवधारणा के तहत संचालित किया जाए, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके। प्रस्तुत शोधपत्र से यह निष्कर्ष निकलता है कि मोरिजा-बानोला क्षेत्र में खनन गतिविधियाँ यदि सुव्यवस्थित नीति, वैज्ञानिक पद्धति और स्थानीय सहभागिता के साथ चलाई जाएँ, तो यह क्षेत्र न केवल राजस्थान बल्कि समूचे भारत की औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

शब्दकोशः मोरिजा-बानोला, लौह अयस्क ;प्तवद व्तमद्ध, खनन गतिविधियाँ, उत्पादन रुझान, पर्यावरणीय प्रभाव।


DOI:

Article DOI:

DOI URL:


Download Full Paper:

Download