‘शिक्षा’, शिक्षक एंव बालक के बीच की अन्तः क्रिया है। प्रारम्भ में शिक्षा शिक्षक केन्द्रित हुआ करती थी। उस समय शिक्षक को ज्यादा महत्त्व दिया जाता था बालक को नहीं, किन्तु वर्तमान समय में शिक्षा तथा शिक्षण पद्धति में बहुत परिवर्तन आए है। शिक्षा अब शिक्षक केन्द्रित नहीं है बल्कि वर्तमान में शिक्षा शिक्षार्थी केन्द्रित हो गई है। आधुनिक युग आज इतनी तेजी से चल रहा है कि इस युग को आधुनिकता का क्रान्तिकारी युग बोला जा सकता है। किसी भी समय में बदलाव अपने आप नहीं आते बदलाव लाए जाते हैं और इनके पीछे की यह प्रक्रिया शिक्षा के बिना असम्भव है। आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है।
शब्दकोशः शिक्षण विधिया, नवीनतम संसाधन, औधोगिकरण, शिक्षा, क्रान्तिकारी युग।