डॉ भीमराव अंबेडकर - ‘‘मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के स्तर से मापता हूँ।‘‘
भगवान ने जब से खूबसूरत दुनिया बनाई तब महिला एवं पुरुष दोनों को समान शक्ति, सम्मान, प्रतिभा एवं समान अधिकार प्रदान कर इस दुनिया में भेजा। इन दोनों में कही विभेद नहीं किया। महिलाएं किसी भी सभ्य समाज की आधारशिला है चाहे किसी भी प्रकार की शासन व्यवस्था हो आज महिलाएं प्रत्येक शासन व्यवस्था में देश की अभिन्न अंग है। एक राष्ट्र को सर्वागीण विकास तभी संभव है जब महिलाओं को समाज में उनका यथोचित स्थान एवं पद दिया जाये एवं उन्हें पुरुषों के साथ विकास में बराबरी की सहभागी बनाया जाए।
शब्दकोशः महिला सशक्तिकरण, गैर-सरकारी संगठन, सर्वागीण विकास, शासन व्यवस्था, प्रतिभा एवं समान।
Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.3(II).7918