कुंभ मूलतः एक धार्मिक आयोजन है, लेकिन इसका सामाजिक-आर्थिक महत्व बहुत अधिक है और राज्य रोजगार सृजन, सामाजिक - आर्थिक विकास तथा उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि बनाने के लिए इसकी धार्मिक, आ/यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन क्षमता का दोहन करने हेतु महाकुंभ को बढ़ावा दे रहा उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से ही भारत में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक रहा है इतिहास से भरा यह राज्य महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है जो तीर्थ यात्रियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक आयोजन में से एक है महाकुंभ प्रयागराज का आयोजन, सामान्यतः प्रयागराज में तो प्रत्येक वर्ष माघ मेले का आयोजन होता है जिसमें लाखों की संख्या में देश-विदेश के तीर्थ यात्री आते हैं लेकिन अर्ध कुंभ, कुंभ और महाकुंभ का आयोजन एक विशेष समय में होता है जो भारतीय तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ विदेशी तीर्थ यात्रियों के विशेष आकर्षण का केंद्र बनता है जो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रस्तुत शोध पत्र का उद्देश्य शोधार्थी द्वारा उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में महाकुंभ प्रयागराज 2025 की भूमिका का अ/ययन करना है।
शब्दकोशः कुंभ, आर्थिक विकास, धार्मिक पर्यटन, संगठित तथा असंगठित क्षेत्र।
Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.4(I).8208