भारत की बैंकिंग प्रणाली सामाजिक-आर्थिक विकास की मुख्यधारा को गति देने वाला आधार स्तंभ है, विशेष रूप से ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी अर्थव्यवस्थाओं में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एक राष्ट्रीयकृत बैंक के रूप में देश की व्यापक जनसंख्या को वित्तीय सेवाएँ प्रदान कर रहा है। रीवा जिला, जो सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से विविधता एवं ग्रामीण-प्रधान संरचना वाला क्षेत्र है, यहाँ के नागरिकों के आर्थिक व्यवहार में बैंकिंग सेवाओं की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। इस अ/ययन का मुख्य उद्देश्य यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सेवा-गुणवत्ता एवं ग्राहक संतुष्टि के स्तर का गहन मूल्यांकन करना है। अ/ययन में बैंक की पारंपरिक सेवाएँ, डिजिटलीय बैंकिंग प्रणाली, शाखा-स्तरीय सुविधाएँ, कर्मचारियों का व्यवहार, ऋण सेवाएँ, शिकायत-निवारण व्यवस्था तथा ग्राहक अपेक्षाओं की पूर्ति का विश्लेषण किया गया है।
शब्दकोशः रीवा जिला, ग्राहक संतुष्टि, सेवा गुणवत्ता, डिजटलीकरण, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, ग्राहक सेवा, मोबाइल बैंकिंगण्