ISO 9001:2015

मानवाधिकारों के समक्ष प्रमुख समस्याओं का अध्ययन

राजू देवी (Raju Devi)

आज का युग मानवाधिकारों का युग है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सैद्धान्तिक रूप से विष्व के सभी राष्ट्रों ने मानवाधिकारों के प्रति अपनी वचनबद्धता के साथ-साथ नवीन अन्तर्राष्ट्रीय नैतिकता को जन्म दिया है और यह नैतिक मान्यता राष्ट्रों के अन्दर और राष्ट्रों के म/य परस्पर कानूनी समझौता का रूप ग्रहण कर चुकी है। मानवाधिकारों का संरक्षण, संवर्धन, नैतिक अनिवार्यता, कानूनी बा/यता, अन्तर्राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों के प्रति राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सरकारों की वचनबद्धता बन चुकी है। मानवाधिकारों के महत्व को /यान में रखते हुए आज अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय नागरिक अधिकारों तथा राजनैतिक अधिकारों पर तो अधिक जोर दे रहा है परन्तु सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों को जो मनुष्य की बुनियादी आवष्यकताओं से संबंधित है, तुलनात्मक रूप से कमजोर किया जा रहा है। आज आवष्यकता इस बात की है कि देष गैर राजनीतिक अधिकारों के संबंध में भी पुनः विचार करे।

शब्दकोशः मानवीय अधिकार, समस्याएँ, शोषण, गरीबी, भूमंडलीकरण।
 


DOI:

Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.3(III).8239

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