मानव अधिकार प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, समानता और स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले सार्वभौमिक अधिकार हैं। ये अधिकार मानव के जन्मजात अधिकार हैं जिन्हें किसी भी राज्य या संस्था द्वारा छीना नहीं जा सकता। आधुनिक युग में मानव अधिकारों की अवधारणा लोकतंत्र, न्याय और सामाजिक समानता की बुनियाद बन चुकी है। यह शोध-पत्र मानव अधिकारों के सामान्य अध्ययन पर केंद्रित है, जिसमें इनके ऐतिहासिक विकास, मूल सिद्धांत, प्रकार, अंतरराष्ट्रीय और भारतीय परिप्रेक्ष्य, संविधानिक प्रावधानों तथा वर्तमान चुनौतियों का विश्लेषण किया गया है। शोध का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि मानव अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक और मानवीय मूल्य हैं जिनके संरक्षण से ही वास्तविक लोकतंत्र संभव है।
शब्दकोशः मानव अधिकार, समानता, स्वतंत्रता, न्याय, संविधान, अंतरराष्ट्रीय घोषणाएँ।